कि आये छोड़ सब हम, साथ तुम खड़े क्यों ना
गयेपीछे नहीं हम, तुम मगर बढ़े क्यों ना
मै तो हूँ साथ बगल में भी तुमने देखा था
कि मेरे वास्ते फिर जहाँ से लड़े क्यों ना
ना बुलाया, ना कुछ कहा, ना ही रोका तुमने
"ना जाने दूंगा" इसी बात पर अड़े क्यों ना
कि छोड़ के तमाम जिंदगी हम मर जाते
कि नयी राह मेरे साथ चल पड़े क्यों ना
-वेदिका