चोट जो लगे तो बस एक आह कीजिये
गर पसंद हो तो वाह वाह कीजिये
हम तो लिखेंगे हमारा शौक ओ पेशा यही
आप भी पढ़ने की मगर चाह कीजिये
पहचान पुरानी, है आज समझने का दिन
हम आ सकें करीब जरा राह कीजिये
आप भी जायेगे और हम भी रुकने के नही
एक उमर का साथ है निबाह कीजिये