नाज़ नखरे , अगर अखरे
तुम चले जाना
नहीं रोकेंगे तुमको हम
मगर तुम संग ले जाना
सभी बातें , सभी यादें
कभी न रुख इधर करना
वहीं जीना वहीं मरना
अगर फिर भी लगे न मन
कभी जो याद आये तो
जो मेरा गम सताये तो
चले आना , भले आना
मगर शर्तें पुरानी हैं
पुराने नाज़ और नखरे
वही तुमको जो थे अखरे
-वेदिका
२१ जनवरी ०३