मेरे साथी ....जिन्होंने मेरी रचनाओं को प्रोत्साहित किया ...धन्यवाद

शुभ-भ्रमण

नमस्कार! आपका स्वागत है यहाँ इस ब्लॉग पर..... आपके आने से मेरा ब्लॉग धन्य हो गया| आप ने रचनाएँ पढ़ी तो रचनाएँ भी धन्य हो गयी| आप इन रचनाओं पर जो भी मत देंगे वो आपका अपना है, मै स्वागत करती हूँ आपके विचारों का बिना किसी छेड़-खानी के!

शुभ-भ्रमण

22 जुल॰ 2010

पिया अश्रु पूर दिए रास्ते ...!



मैंने पीहर की राह धरी 
पिया अश्रु पूर दिए रस्ते 
हिलके-सिसके नदियाँ भरभर
फिर फिर से बांहों में कसते...!

हाये कितने सजना भोले 
पल पल हंसके पल पल रो ले 
चुप चुप रहके पलकें खोले 
छन बैरी वियोग डसते  
फिर फिर से बांहों में कसते...!

वापस आना कह हाथ जोड़
ये विनती देती है झंझोड़ 
मै देश पिया के लौट चली 
पिया भर उर कंठ लिए हँसते
 फिर फिर से बांहों में कसते...!