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शुभ-भ्रमण
नमस्कार! आपका स्वागत है यहाँ इस ब्लॉग पर..... आपके आने से मेरा ब्लॉग धन्य हो गया| आप ने रचनाएँ पढ़ी तो रचनाएँ भी धन्य हो गयी| आप इन रचनाओं पर जो भी मत देंगे वो आपका अपना है, मै स्वागत करती हूँ आपके विचारों का बिना किसी छेड़-खानी के!
शुभ-भ्रमण
शुभ-भ्रमण
8 जून 2013
5 जून 2013
मद्य पान निषेध
मनोरमण छंद जो कि १६ मात्राओं से बनता है। बुन्देली भाषा की प्रस्तुति आपके सम्मुख है
कहने में सकुचाय सुमनिया
पियो जो दारू प्यारे पिया
जले गृहस्थी संग जले जिया
दारू ने सर्वस्व है लिया
दवा नही रे है ये दारू
है ये सब घर बार बिगारु
बर्बादी पे भये उतारू
तुम नस्सू हम जीव जुझारू
कहने में सकुचाय सुमनिया
पियो जो दारू प्यारे पिया
जले गृहस्थी संग जले जिया
दारू ने सर्वस्व है लिया
दवा नही रे है ये दारू
है ये सब घर बार बिगारु
बर्बादी पे भये उतारू
तुम नस्सू हम जीव जुझारू
गीतिका 'वेदिका'
११ मई २०१३ ११ : ५७ पूर्वान्ह
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