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शुभ-भ्रमण

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शुभ-भ्रमण

11 दिस॰ 2010

मेरे घर आये है साजन

मेरे घर आये है साजन
आँगन निखर गया

बरसी थी नैनो की बदली
धो गयी सब काजल और कजली
रोग शोक दुःख पीड़ा
जाने किधर गया

हम मिलकर तुमसे हरसाए
सबको अपने सजन दिखाए
खूब खूब खुद पे इतराए
विरह वेदना का रोना
सब बिसर गया