मेरे साथी ....जिन्होंने मेरी रचनाओं को प्रोत्साहित किया ...धन्यवाद

शुभ-भ्रमण

नमस्कार! आपका स्वागत है यहाँ इस ब्लॉग पर..... आपके आने से मेरा ब्लॉग धन्य हो गया| आप ने रचनाएँ पढ़ी तो रचनाएँ भी धन्य हो गयी| आप इन रचनाओं पर जो भी मत देंगे वो आपका अपना है, मै स्वागत करती हूँ आपके विचारों का बिना किसी छेड़-खानी के!

शुभ-भ्रमण
gitika vedicka लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं
gitika vedicka लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं

3 अग॰ 2020

जानो अपने राम को 🌼 2

१.
राम धीर मुद्रा में बैठे, पत्थर पर मुस्काते हैं
उनके संरक्षण में वानर जल पत्थर तैराते हैं।
२.
मीठे फल चख रखती शबरी, प्रभु मगन मन खाते हैं
छुपकर बैठे लछमन भैया, फल खाने में सकुचाते हैं।
३.
भक्ति भाव हनुमान का और जानकी तापसी
लखनलाल सीता सहित किये राम घर वापसी।
४. 
शिव के स्वामी राम हैं, राम के प्रभो महेश |
मित्र सदा है मित्र है, जन-जन को सन्देश ||
५. 
सेतु समुद्रम बन रहा, शिव जी हुए सहाय |
सीता के सम्मान में सेतु बना उपाय ||
६. 
सेतुबन्ध है राम का, संग शिव का आशीष |
लाख आयें कठिनाइयाँ, धरें चरण पर शीश ||
७. 
सीता की अवमानना, लिया राम ने ठान |
रावण का कुविचार था, लेंगे उसके प्रान ||
८. 
सेतु समुद्रम बन रहा, शिव जी हुए सहाय । 
सीता के सम्मान में,  सागर कहे उपाय ||
९. 
अग्नि परिच्छा जानकी, अगन दहकती जाए।
सब लीला है राम की, अग्निदेव सहाय ।।

गीतिका वेदिका
©सर्वाधिकार सुरक्षित