tag:blogger.com,1999:blog-7962176225087719385.post4606960818104954844..comments2023-06-30T20:08:47.087+05:30Comments on शब्दिका : शर्तें ...गीतिका वेदिकाhttp://www.blogger.com/profile/07650828201361340844noreply@blogger.comBlogger14125tag:blogger.com,1999:blog-7962176225087719385.post-37525675600692598262010-05-04T13:48:53.260+05:302010-05-04T13:48:53.260+05:30काफी अच्छी रचना है वेदिका जी .. बधाई.काफी अच्छी रचना है वेदिका जी .. बधाई.Abhishek Neelhttp://washermansdog.blogspot.com/noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7962176225087719385.post-23452700503160681092010-02-10T17:25:19.112+05:302010-02-10T17:25:19.112+05:30बेहद खुबसूरत रचना "कमाल" - स्पष्टीकरण दे...बेहद खुबसूरत रचना "कमाल" - स्पष्टीकरण देने की जरुरत ही नहीं है. जो भी लिखती हो सीधे दिल में समा जाता है - हार्दिक शुभकामनाएंAnonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7962176225087719385.post-80978975901111766212010-02-08T14:30:00.898+05:302010-02-08T14:30:00.898+05:30अभिनव प्रस्तुति ! रचना सुन्दर है । आभार ।अभिनव प्रस्तुति ! रचना सुन्दर है । आभार ।Himanshu Pandeyhttps://www.blogger.com/profile/04358550521780797645noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7962176225087719385.post-42136292849370317972010-02-07T18:07:10.547+05:302010-02-07T18:07:10.547+05:30वेदिका ..आपकी कविता लिखने की शेल्ली बहुत सहज है ....वेदिका ..आपकी कविता लिखने की शेल्ली बहुत सहज है ..ले भी सहज बात भी सहज ......अआप बहुत अच्छी कवियत्री होने की दिशा में है ....नाज नखरे अगर आपको अखरे तो मुझे छोड़ चले जेयेगा ...और जो आपको मेरी याद आये तो पुनः लौट आएयेगा मगर ये याद रखियेगा की नाज नखरे वही है wah ...Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/12938650631044447394noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7962176225087719385.post-23017270888836322102010-02-06T06:42:51.293+05:302010-02-06T06:42:51.293+05:30क्या बात है, बहुत खूब!क्या बात है, बहुत खूब!Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7962176225087719385.post-37862081911610377452010-02-06T00:41:43.950+05:302010-02-06T00:41:43.950+05:30वेदिका जी आपकी ये रचना बहुत ही सुंदर , धाराप्रवाह ...वेदिका जी आपकी ये रचना बहुत ही सुंदर , धाराप्रवाह और उत्तम शाब्दिक चयन समाहित है , आपको ब्लॉग पर देख कर अच्छा लगा <br /><br />अपनी कलम को यूँ ही गतिमान बनाये रखियेगा|<br /><br />शुभकामनायें आपको....!SHRI MAHAKAVI RAJESHWAR JIhttps://www.blogger.com/profile/08731740662462073806noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7962176225087719385.post-74579477415588677152010-02-06T00:04:07.274+05:302010-02-06T00:04:07.274+05:30உத்தம் காவ்யாஉத்தம் காவ்யாAnonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7962176225087719385.post-15336742049432901522010-02-05T23:24:11.157+05:302010-02-05T23:24:11.157+05:30इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.गीतिका वेदिकाhttps://www.blogger.com/profile/07650828201361340844noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7962176225087719385.post-79619680811113169872010-02-05T21:47:35.401+05:302010-02-05T21:47:35.401+05:30मगर ऐसा संभव कैसे हो ?
शेष जो निर्मला जी ने कहा उच...मगर ऐसा संभव कैसे हो ?<br />शेष जो निर्मला जी ने कहा उचित लगा.के सी https://www.blogger.com/profile/03260599983924146461noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7962176225087719385.post-41029733949874920122010-02-05T18:29:56.250+05:302010-02-05T18:29:56.250+05:30शर्तें वही पुरानी हुम्म्म मगर प्यार मे शर्तें कैसी...शर्तें वही पुरानी हुम्म्म मगर प्यार मे शर्तें कैसी ? श्र्तों पर तो रिश्ता होता है प्यार शर्तों पर नही होता। मगर रचना बहुत ही अच्छी लगी । वेदिका आशीर्वाद तो ले ही लो।निर्मला कपिलाhttps://www.blogger.com/profile/11155122415530356473noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7962176225087719385.post-81960003897379431242010-02-05T17:51:53.381+05:302010-02-05T17:51:53.381+05:30वृत्ताकार रचना --
रचना में अद्भुत ट्विस्ट है
सुन्...वृत्ताकार रचना -- <br />रचना में अद्भुत ट्विस्ट है<br />सुन्दर -- बहुत सुन्दरM VERMAhttps://www.blogger.com/profile/10122855925525653850noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7962176225087719385.post-41815667057759189802010-02-05T17:43:39.987+05:302010-02-05T17:43:39.987+05:30आपकी रचना पढ़कर एक वाक़या याद हो आया . एक दोस्त हु...आपकी रचना पढ़कर एक वाक़या याद हो आया . एक दोस्त हुआ करता था . एक लड़की को पसंद करता था . अपनी छत से पास के ही लड़की के घर के आँगन में लड़की को निहारा करता था. लड़की से उसने एक बार बात करनी चाही कि वो उससे भविष्य में शादी करना चाहता है तो लड़की ने अपने घर में शिकायत कर दी और कहा कि इस कद में छोटे लड़के से मैं शादी करूँगी. कुछ महीने बाद उस दोस्त की नौकरी लग गयी तो वो लड़की उस लड़के से शादी करना चाहती थी और उसके पास संदेशा भी भिजवाया. तब उस दोस्त ने कहा कि अब भी तो "सनी वही है".अनिल कान्तhttps://www.blogger.com/profile/12193317881098358725noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7962176225087719385.post-14031391084872282372010-02-05T17:34:41.645+05:302010-02-05T17:34:41.645+05:30वाह !!! इस रचना में एक नजाकत है .......बहेतरीन प्र...वाह !!! इस रचना में एक नजाकत है .......बहेतरीन प्रस्तुतिDevhttps://www.blogger.com/profile/05009376638678868909noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7962176225087719385.post-53884001864286410872010-02-05T17:33:18.224+05:302010-02-05T17:33:18.224+05:30Hello Vadika ji Namaskar. bahuta achi kavita...Wow...Hello Vadika ji Namaskar. bahuta achi kavita...Wow! kitna acha lekhta han aap. sahi bahut khubsuharat...Dineshhttps://www.blogger.com/profile/08394914523567947101noreply@blogger.com